हम खाद्यान्नों की सरकारी खरीदी मूल्य के इतने अभ्यस्त हो चूके है कि हम चकित हो जाते जब हमे याद दिलाया जाता है कि खाद्यान्नों और अन्य कृषि संबंधी उत्पादो की स्वतंत्र बाजार में कीमतें देहातियों और किसानों का जन्मसिद्व अधिकार है, उसी प्रकार विशुद्व बाजार के अनुरूप श्रमिकों द्वारा किए गए कार्य के परिणामस्वरूप मजदूरी प्राप्त करना श्रमिकों का जन्मसिद्व अधिकार है और सरकारी खरीदी की कीमतों में खाधान्न उत्पादन करने वाले-देहातियों और किसानों की असली कमाई की कुर्की शामिल होती है।
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हम खाद्यान्नों की सरकारी खरीदी मूल्य के इतने अभ्यस्त हो चूके है कि हम चकित हो जाते जब हमे याद दिलाया जाता है कि खाद्यान्नों और अन्य कृषि संबंधी उत्पादो की स्वतंत्र बाजार में कीमतें देहातियों और किसानों का जन्मसिद्व अधिकार है, उसी प्रकार विशुद्व बाजार के अनुरूप श्रमिकों द्वारा किए गए कार्य के परिणामस्वरूप मजदूरी प्राप्त करना श्रमिकों का जन्मसिद्व अधिकार है और सरकारी खरीदी की कीमतों में खाधान्न उत्पादन करने वाले-देहातियों और किसानों की असली कमाई की कुर्की शामिल होती है।